ज़िन्दगी बहुत हसींन है,
सर पे आसमां,पैरों तले ज़मीन|
ज़िन्दगी इक ख्वाब है,
जी ले इसे खुल कर,ज़िन्दगी कल नहीं आज है|
क्यों तू कल के इंतज़ार में,
जो है पास खो रहा,पल-पल क्यों है रो रहा ?
ज़िन्दगी बहुत हसींन है,
सर पे आसमां,पैरों तले ज़मीन|
ज़िन्दगी इक ख्वाब है,
जी ले इसे खुल कर,ज़िन्दगी कल नहीं आज है|
क्यों तू कल के इंतज़ार में,
जो है पास खो रहा,पल-पल क्यों है रो रहा ?
Recent Comments